जयपुर, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) . नारायण विहार इलाके में रहने वाले ग्राम विकास अधिकारी ने रस्सी का फंदा बनाकर उसके लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. परिजनों की सूचना पर sunday सुबह मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतार अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए जयपुरिया अस्पताल की मुर्दाघर में भिजवाया. पुलिस जांच में सामने आया कि ग्राम विकास अधिकारी दीपावली पर छुट्टी लेकर घर आया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पडताल मे जुटी है.
जांच अधिकारी एसआई सतीश कुमार ने बताया कि मांग्यावास इंजीनियर्स कॉलोनी निवासी प्रवीण कुमावत (31) ग्राम पंचायत कणोज पंचायत समिति केकड़ी में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत था. पुलिस जांच में सामने आया कि प्रवीण कुमावत दीपावली पर छुट्टी लेकर आया था. 27 अक्टूबर की रात खाना खाने के बाद वह आस-पास में रहने वाले अपने रिश्तेदार और दोस्तों से मिलने गया था. इसके बाद घर लौटने के बाद दूर के रिश्तेदार प्रहलाद से मोबाइल पर बात करता रहा. करीब 20 मिनट बात करने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया. जिसने देर रात कमरे में रस्सी का फंदा लगाकर प्रवीण ने आत्महत्या कर ली . 28 अक्टूबर को सुबह प्रवीण को अपनी ड्यूटी पर वापस जाना था. सुबह करीब 8 बजे परिजन उसे जगाने के लिए पहुंचे. कमरे में पहुंचने पर प्रवीण फंदे से लटका मिला. पुलिस जांच में सामने आया है कि आत्महत्या करने के लिए मृतक प्रवीण कुमावत बाजार से नई रस्सी खरीदकर लाया था. मृतक के भाई अशोक कुमावत ने ग्राम पंचायत सरपंच भागचन्द नायक, उसके बेटे बंटी और खण्ड विकास अधिकारी दिशी शर्मा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया.
पिछले 3-4 महीने से ग्राम पंचायत सरपंच भागचंद नायक, उसका बेटा बंटी और खण्ड अधिकारी दिशी शर्मा की ओर से ग्राम पंचायत में किए गए काम के अवैध भुगतान के लिए साइन करवाने का दबाव बना रहे थे. ग्राम पंचायत सरपंच भागचंद की ओर से अपने पद पर रहते हुए जल भराव क्षेत्र में किसी अन्य जगह पर पौंड खुदवाया. मिट्टी को जल भराव क्षेत्र में डलवाने के लिए अवैध तरीके से 10-15 लाख रुपए का भुगतान करवाना चाह रहा था. जबकि, उस जल भराव क्षेत्र में करीब 50 हजार रुपए की मिट्टी डाली थी. काफी दबाव के चलते प्रवीण ने वॉट्सऐप पर अपना त्यागपत्र अधिकारी दिशी शर्मा को भेजा था. जिसके जानकारी मिलने के बाद पीड़ित का भाई अशोक कुमावत अपने बहनोई मुकेश कुमार के साथ दोनो खण्ड विकास अधिकारी दिशी शर्मा के कार्यालय में जाकर मिले. इसके बाद भी दिशी शर्मा ने अवैध भुगतान करने का दबाव बनाया. हालकि पुलिस को मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ. पुलिस ने पीड़ित परिजनों की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
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(Udaipur Kiran)
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