– ‘’ये वक्त हमारा है’’ अभियान का शुभारंभ भी होगा
भोपाल, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत स्व-सहायता समूहों का तीन दिवसीय राखी मेला राजधानी भोपाल में आज यानी मंगलवार को प्रात: 10 बजे प्रारंभ होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल मेले का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह भी उपस्थित रहेंगी। मेले के शुभारंभ के साथ ही आजीविका मिशन के तहत स्व-सहायता समूहों की दीदियों की खुशहाली और सशक्तिकरण के अभियान ‘’ये वक्त हमारा है’’ की शुरुआत भी होगी। वहीं, मेले में अभियान के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन भी किया जाएगा, जो समूहों की गतिविधियों और उपलब्धियों को रेखांकित करेगा।
मेले में आने वाले आगन्तुकों को झूला, खटिया, बैलगाड़ी, मटके, विभिन्न जिलों के जनजातीय समुदाय द्वारा बांस एवं अन्य पत्तियों आदि से बनाई जाने वाली टोपी एवं खान-पान में मिलेट्स, महुआ आदि के व्यंजन एवं प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के अन्य व्यंजन पूरे ग्रामीण परिवेश का एहसास करायेंगे। इस दौरान विभिन्न लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जायेंगी।
इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के दैनिक गतिविधि के जारी कार्यक्रम के अनुसार वे इस कार्यक्रम का आज सुबह शुभारंभ करेंगे। मेले में विभिन्न जिलों से आ रही स्व-सहायता समूहों की दीदियों द्वारा समूह उत्पादों का विक्रय सह प्रदर्शन किया जायेगा। मेले की साज-सज्जा में खास तौर पर ग्रामीण परिवेश की झलक के लिये “सावन की थीम” के साथ पर्यावरण हितैषी वस्तुओं का उपयोग किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को वृहद बाजारों से जोड़ने के लिये अनेक प्रयास आजीविका मिशन द्वारा किये जा रहे हैं। इसी क्रम में स्व-सहायता समूहों का तीन दिवसीय राखी मेला भोपाल हाट में आयोजित किया जा रहा है। मेले में विभिन्न जिलों से आ रही स्व-सहायता समूहों की दीदियों द्वारा 40 स्टॉल लगाये जायेंगे। राखी के त्यौहार को ध्यान में रखते हुये विशेष रूप से राखी, मिठाइयां, वस्त्र एवं सजावटी सामान सहित विभिन्न प्रकार की समूहों द्वारा निर्मित वस्तुएं उपलब्ध रहेंगी।
यह मेला न केवल स्व-सहायता समूहों की मेहनत और हुनर का उत्सव है। साथ ही मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और सामुदायिक एकजुटता का भी शानदार प्रदर्शन करेगा। उत्पादों की विविधता मेले में चार चांद लगाएगी। मेला न केवल लोगों को खरीदारी का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि लोगों को समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के आत्म-निर्भरता और उद्यमिता के प्रेरक सफर को देखने का अवसर भी प्रदान करेगा।
—————
(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
You may also like
मोहम्मद सिराज-शुभमन गिल के तूफान में ऋषभ पंत को कई भूल जाये, उनके बिना अंग्रेजों की हवा निकालना मुमकिन न होता
जयपुर का अनोखा गणेश मंदिर! यहां पहले भगवान को जाता है कार्ड, फिर रिश्तेदारों को! जानिए दाहिने सूंड वाले गणेशजी की खास मान्यता
खाली पेट खाने से बचें: ये 5 चीजें आपकी सेहत को कर सकती हैं नुकसान
सदन में स्वस्थ बहस से ही लोकहित संभव
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप के नेतृत्व में 35 परिवारों की हिन्दू धर्म में हुई वापसी