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जतरा की परिकल्पना सामाजिक एकजुटता का प्रतीक : मंत्री

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रांची, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने रांची के दहीसोत-बनहोरा में 21 पड़हा सोहराई जतरा महोत्सव का उदघाटन किया.

इस अवसर पर 15 खोड़हा के नाचते-झूमते लोगों की टोली ने समाज की एकता और भाईचारगी का संदेश दिया. मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी खोड़हा में महिलाओं के साथ जमकर थिरकी. इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की भी मौजूद थे.

मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि भले ही हमारे पुरखे कम पढ़े लिखे थे, लेकिन जतरा जैसे आयोजन की परिकल्पना सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है. पुरखों की धरोहर पर आज के दौर का विश्वास हमारी परम्परा और संस्कृति को मजबूती देना है. उन्‍होंने कहा कि जब हम अपने हाथ में लाल और सफेद रंग का झंडा लेकर चलते हैं तो उसके इतिहास की जानकारी जरूरी है.

उन्होंने कहा कि लाल और सफेद रंग के झंडे का इतिहास हमारे पुरखों के बलिदान और उनके मार्गदर्शन का प्रतीक है. आज की युवा पीढ़ी को समुद्र से भी गहरे इस संदेश को समझने और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जतरा का इतिहास आदिवासी समाज तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके साथ मूलवासी का जुड़ाव भी कम नहीं है.

वहीं बंधु तिर्की ने कहा कि हमारा समाज परम्परा और संस्कृति का धनी है. साल 1994 में इस जतरा की रंगत फीकी पड़ गई थी. लेकिन 1995 में फिर से नए सिरे से जतरा को जीवित करने का प्रयास किया गया है. इस जतरा की कमान अब युवाओं के हाथ में है.

मौके पर कैम्बो, बॉम्बे, कमड़े, बनहोरा के खोड़हा समिति को सम्मानित किया गया.

महोत्सव में प्रमुख संगीता देवी, मुखिया नीलम तिर्की, मुखिया सिरमनी कच्छप, मुखिया फुलमनी कच्छप, शिल्पा कच्छप, पार्षद पुष्पा टोप्पो, विजय तिर्की, एल्बिन लकड़ा, शिवा कच्छप, प्रकाश तिर्की सहित अन्य मौजूद थे.

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar

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