हाथरस, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी टीकाराम पुजारी के परिजनों ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को प्रार्थना पत्र सौंपा। उन्होंने ऊंचागांव रसमई में टीकाराम पुजारी की मूर्ति स्थापना के लिए ग्राम पंचायत की भूमि की मांग की।
टीकाराम पुजारी ने मात्र 16 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने 1930 में नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण 6 माह का कारावास काटा। 1932 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में 1 वर्ष की सजा हुई। 1941 में व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लेने पर 1 वर्ष की कैद और 200 रुपए जुर्माना हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्हें नजरबंद किया गया। उनके परिवार के कुल 12 सदस्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उनकी पत्नी खेमा कुमारी और पुत्रवधू हरभेजी ने 1932 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया। दोनों को डेढ़ वर्ष की बच्ची और 2 माह के शिशु के साथ मथुरा जेल में 3 माह की सजा हुई। उनके भाई गिरवदास, बाबूलाल शर्मा और हरिबल्लभ ने भी जेल यातनाएं झेलीं। आजादी के बाद टीकाराम पुजारी 1957 में सादाबाद से विधायक चुने गए। 1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने सरकार को आर्थिक मदद भी की। परिजनों का कहना है कि हाथरस जिले में न तो उनकी कोई प्रतिमा है और न ही कोई स्मारक। एडीएम डॉ. बसंत लाल अग्रवाल ने प्रतिमा स्थापना का आश्वासन दिया है।
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(Udaipur Kiran) / मदन मोहन राना
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