सोने की कीमतें इन दिनों आसमान छू रही हैं और बाजार में हलचल मची है। हर कोई यही सोच रहा है कि क्या इस दिवाली तक 24 कैरेट सोने का रेट ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम को छू लेगा? अगर आप भी सोने में निवेश की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।
बाजार के जानकारों का मानना है कि कुछ ऐसे कारण हैं, जो सोने की इस चमक को थाम सकते हैं। अभी 24 कैरेट सोने का भाव ₹1,09,700 प्रति 10 ग्राम के आसपास चल रहा है। आइए, जानते हैं कि कौन-कौन से कारण सोने की कीमतों को बढ़ने से रोक सकते हैं।
डॉलर की ताकत बनेगी सोने की कमजोरीपिछले कुछ समय से डॉलर की कमजोरी की वजह से सोने की कीमतें आसमान पर हैं। लेकिन अगर डॉलर फिर से मजबूत हो गया, तो सोने की चमक फीकी पड़ सकती है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो विदेशी निवेशक सोने से पैसा निकालकर डॉलर में निवेश करना पसंद करते हैं। इससे ग्लोबल मार्केट में सोने की मांग घटती है और कीमतें नीचे आने लगती हैं। अगर आप सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो डॉलर की चाल पर नजर रखना बहुत जरूरी है।
ब्याज दरों का खेल बिगाड़ सकता है सोने का रंगबाजार को उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा। लेकिन अगर फेड ने ब्याज दरों में कटौती टाल दी या बहुत कम की, तो सोने की कीमतों को झटका लग सकता है। कम ब्याज दरों का मतलब है कि निवेशकों को बॉन्ड्स या बचत खातों में कम रिटर्न मिलेगा, जिससे वे सोने की तरफ आकर्षित होते हैं। लेकिन अगर ब्याज दरें नहीं घटीं, तो सोने की मांग वैसी नहीं बढ़ेगी, जैसी उम्मीद की जा रही है। यह सोने में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ा सवाल है।
रुपये की मजबूती लाएगी सोने में सस्ताईभारत में सोने की कीमतें रुपये की स्थिति पर बहुत हद तक निर्भर करती हैं। अगर रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत हो गया, तो सोने का आयात सस्ता होगा और कीमतें कम हो सकती हैं। अभी रुपया कमजोर है, लेकिन अगर दिवाली तक रुपये की स्थिति सुधर गई, तो सोने की कीमतें स्थिर रह सकती हैं या थोड़ी गिर भी सकती हैं। यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर हो सकती है, जो सोने में निवेश की सोच रहे हैं।
ग्लोबल तनाव कम हुआ, तो सोना भी ठंडामिडिल ईस्ट में इजराइल-गाजा और रूस-यूक्रेन के बीच तनाव का माहौल सोने को एक सुरक्षित निवेश बना रहा है। लेकिन अगर ये तनाव कम हो गए या खत्म हो गए, तो निवेशकों का डर कम होगा। जैसे ही लोग सुरक्षित विकल्पों से हटते हैं, सोने की मांग घटने लगती है और कीमतें नीचे आती हैं। ग्लोबल तनाव का असर सोने की कीमतों पर सीधे तौर पर पड़ता है।
मांग कम हुई, तो कीमतें भी थमेंगीभारत में दिवाली और शादी का सीजन यानी सोने की भारी मांग का समय। लेकिन अगर इस बार लोग मुनाफा कमाने के चक्कर में खरीदारी कम कर दें या बजट की तंगी के कारण सोना न खरीदें, तो बाजार की उम्मीदों को झटका लग सकता है। अगर मांग उम्मीद से कम रही, तो सोने की आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतें स्थिर हो सकती हैं या नीचे भी आ सकती हैं। यह उन लोगों के लिए अहम है, जो सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं।
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