भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को और सतर्क कर दिया है। इसी कड़ी में भारतीय रेलवे ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जम्मू और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से रात के समय ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। यह निर्णय न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि सीमा पर तनाव के बीच रेलवे की सजगता को भी दर्शाता है।
रात की ट्रेनों पर क्यों लगी रोक?
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव का माहौल और सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए रेलवे ने यह कदम उठाया है। अमृतसर, बटिंडा, फिरोजपुर और जम्मू जैसे सीमावर्ती शहरों से गुजरने वाली ट्रेनें अब रात के समय नहीं चलेंगी। रेलवे के इस फैसले से इन क्षेत्रों में चलने वाली 15 से अधिक ट्रेनों की समय-सारिणी प्रभावित होगी। रेलवे ने स्पष्ट किया कि यह कदम अस्थायी है और इसका मकसद यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।
ट्रेनों का नया शेड्यूल और रद्दीकरण
रेलवे ने रात में चलने वाली ट्रेनों का समय बदलकर सुबह के समय निर्धारित किया है। अमृतसर, बटिंडा, फिरोजपुर और जम्मू से गुजरने वाली कई ट्रेनें अब दिन के उजाले में ही संचालित होंगी। इसके अलावा, कुछ छोटी दूरी की ट्रेनों को पूरी तरह रद्द कर दिया गया है। रेलवे ने बताया कि इन रद्दीकरणों का असर सीमित क्षेत्रों तक ही रहेगा, लेकिन यात्रियों को पहले से अपनी यात्रा की योजना बनानी होगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था
यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए रेलवे ने दिन के समय विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू करने का ऐलान किया है। ये विशेष ट्रेनें प्रभावित क्षेत्रों में यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाएंगी। रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा से पहले नई समय-सारिणी की जांच कर लें और स्टेशन पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें। रेलवे का कहना है कि यह व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
सुरक्षा और सतर्कता का संदेश
रेलवे का यह फैसला भारत की सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की सतर्कता का प्रतीक है। सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के बीच रेलवे ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। यह कदम न केवल रेलवे की जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि देशवासियों को यह भरोसा भी देता है कि उनकी सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है।
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