देश की सियासत में अक्सर यह इल्ज़ाम लगता रहा है कि केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) जांच एजेंसियों को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती है। विपक्षी पार्टियां लंबे समय से दावा करती रही हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और दूसरी एजेंसियां सिर्फ उनके नेताओं को निशाना बनाती हैं। लेकिन इंडिया टुडे-सीवोटर के ताजा ‘मूड ऑफ द नेशन’ (MOTN) सर्वे ने इस बहस को एक नया रंग दे दिया है।
जनता का मूड: BJP के पक्ष में या खिलाफ?इस सर्वे में सामने आए नतीजे चौंकाने वाले हैं। 46% लोगों का मानना है कि BJP जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल नहीं कर रही है। वहीं, 35% लोगों ने कहा कि BJP इन एजेंसियों को विपक्षी नेताओं के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। यानी, करीब आधी जनता को लगता है कि BJP एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं कर रही, जबकि एक बड़ा तबका मानता है कि इन एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
यह सर्वे 1 जुलाई से 14 अगस्त 2025 के बीच किया गया। इसमें 54,788 लोगों से सीधे सवाल पूछे गए। इसके अलावा, CVoter के रेगुलर ट्रैकर डेटा से 1,52,038 अतिरिक्त इंटरव्यू का विश्लेषण किया गया। कुल मिलाकर, इस सर्वे में 2,06,826 लोगों की राय शामिल की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकारहैरानी की बात यह है कि हाल के महीनों में सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार ED की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी से जुड़े MUDA केस में कोर्ट ने साफ कहा कि ED राजनीतिक लड़ाई लड़ने की कोशिश कर रही है।
इसी तरह, तमिलनाडु के TASMAC मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ED की जांच और छापों पर रोक लगा दी। कोर्ट ने इसे संविधान की संघीय संरचना का उल्लंघन बताया।
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