महिलाओं के लिए पीरियड्स हर महीने का एक ऐसा हिस्सा होते हैं, जो कई बार दर्द और परेशानी लेकर आते हैं। पेट में ऐंठन, कमर दर्द और थकान जैसी शिकायतें इस दौरान आम हैं। इस बीच एक सवाल अक्सर उठता है कि क्या पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से दर्द में राहत मिल सकती है। यह बात कुछ लोगों के लिए अजीब लग सकती है, लेकिन कई महिलाएं और उनके पार्टनर इस बारे में जानना चाहते हैं। कुछ का मानना है कि यह सचमुच मदद करता है, तो कुछ इसे सिर्फ एक गलत धारणा मानते हैं। आइए इस सवाल को गहराई से समझते हैं और देखते हैं कि इसके पीछे का सच क्या है।
पीरियड्स में दर्द की वजहपीरियड्स के दौरान दर्द होना एक प्राकृतिक बात है। यह दर्द ज्यादातर गर्भाशय के संकुचन की वजह से होता है, जब वह खून को बाहर निकालने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में प्रोस्टाग्लैंडिन नाम का एक केमिकल निकलता है, जो ऐंठन और दर्द को बढ़ाता है। कुछ महिलाओं को हल्का दर्द होता है, तो कुछ को इतना तेज कि वे रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पातीं। इस दर्द से राहत पाने के लिए गर्म पानी की बोतल, दवाइयां और आराम जैसे तरीके अपनाए जाते हैं। लेकिन सेक्स को लेकर यह चर्चा नई है कि क्या यह भी दर्द कम करने में मदद कर सकता है।
सेक्स और दर्द में राहत का दावाकई जानकारों का कहना है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से दर्द में कुछ हद तक राहत मिल सकती है। इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी बताए जाते हैं। जब कोई महिला सेक्स के दौरान चरम सुख यानी ऑर्गेज्म तक पहुंचती है, तो शरीर में एंडोर्फिन नाम का एक हॉर्मोन निकलता है। यह हॉर्मोन प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने वाला होता है और खुशी का एहसास देता है। इसके अलावा, सेक्स से गर्भाशय में खून का बहाव बढ़ता है, जिससे ऐंठन में कमी आ सकती है। कुछ महिलाओं का अनुभव भी यही कहता है कि सेक्स के बाद उन्हें हल्कापन और दर्द में राहत महसूस हुई।
क्या हर महिला के लिए फायदेमंदहालांकि सेक्स से दर्द कम होने की बात सच हो सकती है, लेकिन यह हर महिला के लिए एक जैसा नहीं है। हर किसी का शरीर और अनुभव अलग होता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स में सेक्स से राहत मिलती है, लेकिन कुछ के लिए यह परेशानी बढ़ा सकता है। जिन्हें बहुत ज्यादा खून बहता हो या दर्द असहनीय हो, उनके लिए यह तरीका ठीक नहीं लग सकता। इसके अलावा, पीरियड्स में सेक्स करने की इच्छा भी हर महिला में अलग होती है। कुछ को यह सहज लगता है, तो कुछ इसे असुविधाजनक मानती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हर कोई अपनी सहूलियत और सेहत को देखकर फैसला करे।
सेक्स और सेहत पर असरपीरियड्स में सेक्स करने का असर सिर्फ दर्द तक सीमित नहीं है, यह सेहत पर भी प्रभाव डाल सकता है। सेक्स से तनाव कम होता है और नींद बेहतर आती है, जो पीरियड्स की थकान को दूर करने में मदद करता है। लेकिन इस दौरान साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पीरियड्स में गर्भाशय का मुंह थोड़ा खुला होता है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। सही सुरक्षा का इस्तेमाल और स्वच्छता बनाए रखने से इस जोखिम को कम किया जा सकता है। अगर सावधानी बरती जाए, तो यह सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता।
भावनात्मक पहलू का महत्वसेक्स सिर्फ शारीरिक क्रिया नहीं है, इसमें भावनाएं भी जुड़ी होती हैं। पीरियड्स के दौरान कई महिलाएं भावनात्मक रूप से संवेदनशील हो जाती हैं। ऐसे में पार्टनर का साथ और प्यार दर्द से ज्यादा राहत दे सकता है। अगर सेक्स दोनों के लिए सहज और प्यार भरा अनुभव हो, तो यह न सिर्फ दर्द कम कर सकता है, बल्कि रिश्ते को भी मजबूत बना सकता है। लेकिन अगर महिला को असहजता हो या वह तैयार न हो, तो इसे जबरदस्ती करना ठीक नहीं। भावनात्मक समझ और सहमति इस मामले में सबसे अहम है।
मिथक और गलतफहमियांपीरियड्स में सेक्स को लेकर कई गलतफहमियां भी हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह गंदा या गलत है, लेकिन यह सिर्फ एक मिथक है। पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और सेक्स भी। अगर दोनों पार्टनर सहज हैं और साफ-सफाई का ध्यान रखते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एक और मिथक यह है कि पीरियड्स में सेक्स से गर्भ ठहर सकता है। हालांकि यह बहुत कम होता है, लेकिन पूरी तरह असंभव भी नहीं। इसलिए सुरक्षा का इस्तेमाल जरूरी है। इन गलतफहमियों को दूर करके सही जानकारी लेना जरूरी है।
क्या कहते हैं अनुभवकई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए हैं कि पीरियड्स में सेक्स करने से उन्हें दर्द में राहत मिली। कुछ का कहना है कि ऑर्गेज्म के बाद ऐंठन कम हुई और वे हल्का महसूस करने लगीं। लेकिन कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके लिए यह तरीका काम नहीं करता, बल्कि असुविधा बढ़ जाती है। यह अंतर हर महिला के शरीर और पसंद पर निर्भर करता है। कुछ जोड़ों ने कहा कि पीरियड्स में सेक्स ने उनके रिश्ते में नजदीकी बढ़ाई, क्योंकि इससे उन्हें एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का मौका मिला। ये अनुभव बताते हैं कि यह हर किसी के लिए अलग हो सकता है।
सावधानियां जरूरीअगर आप पीरियड्स में सेक्स करने की सोच रहे हैं, तो कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, ताकि इन्फेक्शन से बचा जा सके। टॉवल या चादर का इस्तेमाल करें, ताकि बिस्तर गंदा न हो। सुरक्षा का तरीका अपनाएं, ताकि अनचाहे गर्भ का खतरा न रहे। सबसे जरूरी है कि दोनों पार्टनर की सहमति हो और कोई भी असहज न महसूस करे। इन छोटी बातों का ध्यान रखने से यह अनुभव सुखद और सुरक्षित हो सकता है।
अपने लिए सही फैसलातो क्या पीरियड्स में सेक्स करने से दर्द कम होता है? इसका जवाब हां और ना दोनों हो सकता है। कुछ महिलाओं के लिए यह सचमुच राहत देता है, क्योंकि ऑर्गेज्म से दर्द कम होता है और तनाव दूर होता है। लेकिन यह हर किसी के लिए जरूरी नहीं है। यह आपकी सेहत, पसंद और सहूलियत पर निर्भर करता है। अगर आपको लगता है कि यह आपके लिए ठीक है, तो इसे आजमा सकते हैं। लेकिन अगर यह असहज लगे, तो दूसरी राहत के तरीके जैसे गर्म पानी या आराम भी अपनाए जा सकते हैं। अपने शरीर को सुनें और वही करें, जो आपको सही लगे।
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