राकेश पाण्डेय, लखनऊ
राजधानी में सरकार के सख्त आदेश “नो हेलमेट नो फ्यूल” की खुलेआम अनदेखी हो रही है। हैरानी की बात ये है कि ये उल्लंघन कहीं और नहीं, बल्कि जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय के ठीक बगल में स्थित इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप पर हो रहा है। जब राजधानी के इतने महत्वपूर्ण इलाके में ही नियमों का मखौल उड़ रहा है, तो बाकी शहर का क्या हाल होगा?
नियमों की खुलेआम अनदेखीलखनऊ में सरकार ने “नो हेलमेट नो फ्यूल” नियम को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया था, ताकि लोग हेलमेट पहनने के प्रति जागरूक हों। लेकिन डीएम कार्यालय के पास ही मौजूद पेट्रोल पंप इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है। बिना हेलमेट के आए लोगों को भी आसानी से पेट्रोल दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि यातायात नियमों का पालन कौन कर रहा है? अगर राजधानी के मध्य में ही पेट्रोल पंप अपनी मनमानी कर रहे हैं, तो बाकी जगहों का क्या हाल होगा?
प्रशासन की चुप्पी, पेट्रोल पंप की मनमानीसरकार ने इस नियम को लागू करने के लिए सख्त निर्देश दिए थे, ताकि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिले और लोग हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित हों। लेकिन कुछ पेट्रोल पंप अपनी कमाई के चक्कर में इस आदेश को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं। वे बिना हेलमेट वालों को भी पेट्रोल बेचकर अपना कारोबार चला रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या प्रशासन इन पेट्रोल पंपों पर कोई सख्त कार्रवाई करेगा, या ये नियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगा?
डीएम ऑफिस और प्रेस क्लब के सामने शर्मनाक स्थितिपेट्रोल पंप के ठीक सामने डीएम कार्यालय है, और बगल में उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब, जहां दिनभर बड़े-बड़े पत्रकार मौजूद रहते हैं। फिर भी इस तरह की लापरवाही खुलेआम चल रही है। ये स्थिति न सिर्फ प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि ये भी दिखाती है कि नियमों को लागू करने में कितनी गंभीरता बरती जा रही है। क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा, या ये सब खानापूर्ति बनकर रह जाएगा?
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